कोरोना के खिलाफ जंग: जानें आज देश में क्या फैसले हुए
सेहतराग टीम
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की जंग तेज हो गई है। लॉकडाउन की अवहेलना को देखते हुए राज्य सरकारों ने कर्फ्यू लगाना आरंभ कर दिया है। पंजाब सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने अनिवार्य सेवाओं को छोड़ कर अन्य सभी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी हैं और लोगों को घरों से निकलने से रोकने के लिए कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी है। अब भी अगर लोग घरों से बाहर निकले तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देश के
दिल्ली
दिल्ली सरकार ने रविवार को घोषणा की थी कि संपूर्ण लॉकडाउन की स्थिति में सार्वजनिक परिवहन के सभी साधन बंद किए जाएंगे। इसके तहत सीएम अरविंद केजरीवाल ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध की घोषणा भी की गई थी मगर केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध को स्थगित कर दिया था। सोमवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की कि मंगलवार से देश में सभी घरेलू उड़ानें बंद हो जाएंगी। सोमवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार मीडिया को संबोधित करते हुए घोषणा की कि यदि लोगों ने लॉकडाउन के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया तो लोगों पर सख्ती बरती जाएगी।
ओडिशा
ओडिशा सरकार ने राज्य के 14 जिलों में लॉकडाउन कर दिया है। ये लॉकडाउन 24 मार्च की सुबह 7 बजे से लागू होगा और 29 मार्च की रात 9 बजे तक लागू रहेगा।
असम
पूरी तरह लॉकडाउन करने वाले राज्यों की सूची में असम भी शामिल हो गया है। असम सरकार के मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को घोषणा की कि असम में मंगलवार की शाम से 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा।
केरल
केरल में एक दिन में कोरोना वायरस के 28 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में वायरस संक्रमण के अबतक कुल 95 मामले हो गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुसार 95 में से 4 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 91 का इलाज चल रहा है। राज्य में अबतक कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है और राज्य की सीमाओं को सील कर दिया है।
तमिलनाडु
इस बीच तमिलनाडु में अबतक किसी तरह के लॉकडाउन की घोषणा तो नहीं की गई है मगर मंगलवार की शाम 6 बजे से 31 मार्च तक पूरे राज्य में धारा 144 लगाने की घोषणा की गई है। राज्य की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
इधर देश की जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के इरादे से जेलों में कैदियों की संख्या कम करने पर विचार हो रहा है। इसके लिए देश के सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सात साल तक की सजा पाए कैदियों को पेरोल पर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस बारे में राज्य सरकारों को निर्देश भेजे गए हैं क्योंकि ये उन्हीं के अधिकार क्षेत्र का मामला है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से निबटने के लिए केंद्र सरकार को किसी भी तरह का निर्देश देने से इनकार कर दिया है और इस बारे में दायर याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार इस समस्या से अच्छी तरह निबट रही है और इस बारे में कोई निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने इस बारे में समुचित और समयबद्ध कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी की सराहना भी की है।
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